मां बगलामुखी देवी कौन है ?

माँ बगलामुखी फोटो hd


मां बगलामुखी

बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं। यह आठवीं महाविद्या और स्तम्भन की देवी मानी जाती हैं। बगलामुखी देवी अपने भक्तों के कष्टों को दूर कर उन्हें भयमुक्त करती हैं। इन्हें पीताम्बरा के नाम से भी जाना जाता हैं। इन्हें पीला रंग अधिक पसंद है। देवी रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान होती हैं तथा उनके भक्तों को तीन लोकों में कोई पराजित नहीं कर सकता। बगला शब्द संस्कृत भाषा से आया है जिसका अर्थ है दुल्हन। बगलामुखी रूप में देवी अपने अलौलिक सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। 

 

पौराणिक कथा 

एक मान्यता के अनुसार एक बार ब्रह्मांड में तूफान आया। तूफान आने से समस्त सृष्टि में प्रलय आ गया। सभी जीव-जन्तु नष्ट होने लगे। इस विनाशकारी तूफान से देवता भी बहुत चिंतित हो गए। भगवान विष्णु ने चिंतामग्न होकर इस तूफान को खत्म करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने देवी की आराधना की। देवी प्रसन्न हो गयीं और उन्होंने बगलामुखी के रूप में अवतार लिया। बगलामुखी महाविद्या को विष्णु के तेज से सम्पन्न होने के कारण वैष्णवी भी कहा जाता है।  

 

मां बगलामुखी की पूजा 

बगलामुखी देवी की आराधना बहुत संयम पूर्वक की जाती है। बगलामुखी जयंती के दिन प्रातः स्नान करके सबसे पहले पीले वस्त्र धारण करें। पवित्र स्थल जहां पर पूजा करनी है उसे गंगा जल से धो दें। ध्यान रहे कि देवी की पूजा मंदिर में हमेशा अकेले करें या गुरु के साथ करें। देवी की पूजा करते समय पूर्व की तरह मुंह करें। बगलामुखी देवी को समर्पित करने के लिए पीले चावल, पीले फूल और पीले प्रसाद का प्रयोग करें। जयंती के व्रती निराहार रहें। रात में केवल फल का सेवन करें। दूसरे पूजा करने के बाद भोजन ग्रहण करें। पूजा करने के बाद छोटी कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा दें।  


बगलामुखी की पूजा में बरतें सावधानियां

बगलामुखी देवी बहुत शक्तिशाली हैं। भक्तों को उनकी आराधना करते समय कुछ सावधानियां अवश्य रखनी चाहिए। पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं पीले रंग की होनी चाहिए। देवी की पूजा करते समय जाप करने के लिए हमेशा हल्दी की माला का प्रयोग करें। साथ ही पूजा भी केवल शाम को या मध्यरात्रि में ही करें। साथ ही दरिद्रता और गरीबी के नाश के लिए देवी बगलामुखी की पूजा करनी चाहिए।  


बगलामुखी जयंती का महत्व 

मां बगलामुखी जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनायी जाती है। इस दिन मंदिरों में विविध प्रकार के यज्ञ और अनुष्ठान भी कराए जाते हैं। साथ ही भगवती जागरण और भजन संध्या का भी आयोजन कराया जाता है।

About The Aakash KV

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.

0 Comments:

Post a Comment