श्री राम ने बाली को क्यों मारा वह चाहते तो पाली को क्षमा भी तो कर सकते थे क्योंकि बाली ने जब सुग्रीव को सिंहासन पर बैठा देगा तो वाले को तो ऐसा ही लगा कि सुग्रीव ने जानबूझ कर उसे गुफा में बंद कर दिया ताकि वह सिंहासन और उसकी बीवी को हड़प सके , श्री राम यदि चाहते तो बाली को समझाते कि सुग्रीव ने जो कुछ किया अनजाने में किया और इस बात पर भी हम सभी को पूरा भरोसा है कि यदि श्री राम स्वयं वाले को समझाते तो बारिश पर यकीन भी कर लेते हैं की सुग्रीव निर्दोष है।
लेकिन फिर भी, फिर भी श्री राम ने बाली को क्यों मारा यह सवाल हम सबके दिमाग में घूमता रहता है।
तो आज इसी का सही और सटीक उत्तर को जान लेते हैं :
सबसे पहली बात तो यह है कि बाली को अपनी शक्ति पर अपनी ताकत पर इतना ज्यादा घमंड था कि उसे सुग्रीव की बात को सुनना कुछ लग रहा था और साथ ही यदि एक पल को मान लेते हैं कि बाली से ही सब कुछ अनजाने में हुआ लेकिन जो हुआ सो हुआ परंतु उसने तो सुग्रीव को मार कर भाग आने के बाद उसकी पत्नी को भी हड़पने का प्रयास किया उस पर बुरी नजर डाली।
और जब श्री राम बाली का वध कर देते हैं तो वाली कहता है कि यदि आपने मुझसे कहा होता माता सीता के बारे में तो मैं माता सीता को एक दिन में ही आपके पास लाकर रख देता क्योंकि रावण तो मेरा मित्र है और यदि मुझे उससे युद्ध भी करना होता तो मैं उसे आसानी से हरा देता बिना किसी सेना के।
तो इस पर श्री राम ने आसानी से उत्तर यह दिया था की मैं यदि अपनी पत्नी को छुड़ाने के लिए ऐसे व्यक्ति से मदद मांग लूंगा जिस ने खुद दूसरे की पत्नी को अपने पास रखा है तो इससे तो मेरी प्रतिष्ठा ही भंग हो जाएगी और साथ ही यह समाज के नियमों के विरुद्ध भी तो है।
और अब बारी आती है कि श्री राम ने बाली को छुप कर क्यों मारा ?
तो इसका उत्तर है कि भगवान श्रीराम ही विष्णु जी के अवतार थे मतलब उनके अंदर अनंत शक्तियां थी और यदि वह बाली से साक्षात युद्ध करते तो बाली के वरदान के अनुसार श्री राम की 50% शक्तियां बाली के शरीर में प्रवेश करते हैं और जैसा कि हम जानते हैं अनंत का आधा अनंत ही होता है। तो इस प्रकार वाले के शरीर में अनंत शक्ति प्रवेश करते हैं और किसी का भी वानर यह मनुष्य शरीर इतनी शक्तियों को जेल ही नहीं सकता उसका वहीं पर विस्फोट हो जाता उसका शरीर तो छिन्न-भिन्न हो ही जाता उसके साथ इस ब्रह्मांड का भी बहुत दुर्दशा हो जाते इसलिए हर किसी का ध्यान रखते हुए उन्होंने भारी को छुपकर मारने को ही सही समझा ।
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