इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य...| mantra ko kaise siddh karen

इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य...

कोई मंत्र कब होता है सिद्ध, एक लाख बार जपने पर या कि 108 बार जपने पर ही सिद्ध हो जाता है? और जब सिद्ध हो जाता है, तब क्या होता है? यह सवाल आपके मन में जरूर होंगे तो चलो इस बारे में आपको आसान तरीके से बताने की कोशिश करते हैं।


मुख्यत: 3 प्रकार के मंत्र होते हैं- 

1.वैदिक 
2.तांत्रिक और
3.शाबर मंत्र 


पहले तो आपको यह तय करना होगा कि आप किस तरह के मंत्र को जपने का संकल्प ले रहे हैं। शाबर मंत्र बहुत जल्द सिद्ध होते हैं, तांत्रिक मंत्र में थोड़ा समय लगता है और वैदिक मंत्र थोड़ी अधिक देर से सिद्ध होते हैं। लेकिन जब वैदिक मंत्र सिद्ध हो जाते हैं तो उनका असर कभी समाप्त नहीं होता है।

 

मंत्र जप तीन प्रकार हैं:

1.वाचिक जप
2. मानस जप और 
3. उपाशु जप। 


वाचिक जप में ऊंचे स्वर में स्पष्ट शब्दों में मंत्र का उच्चारण किया जाता है। मानस जप का अर्थ मन ही मन जप करना। उपांशु जप का अर्थ जिसमें जप करने वाले की जीभ या ओष्ठ हिलते हुए दिखाई देते हैं लेकिन आवाज नहीं सुनाई देती। बिलकुल धीमी गति में जप करना ही उपांशु जप है।


चक्र जागृत

मंत्र नियम : 

मंत्र-साधना में विशेष ध्यान देने वाली बात है- मंत्र का सही उच्चारण। दूसरी बात जिस मंत्र का जप अथवा अनुष्ठान करना है, उसका अर्घ्य पहले से लेना चाहिए। मंत्र सिद्धि के लिए आवश्यक है कि मंत्र को गुप्त रखा जाए। प्रतिदिन के जप से ही सिद्धि होती है। किसी विशिष्ट सिद्धि के लिए सूर्य अथवा चंद्रग्रहण के समय किसी भी नदी में खड़े होकर जप करना चाहिए। इसमें किया गया जप शीघ्र लाभदायक होता है। जप का दशांश हवन करना चाहिए और ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराना चाहिए।


मन का तंत्र : 

मंत्र को सिद्ध करने के लिए पवित्रता और मंत्र के नियमों का पालन तो करना जरूरी ही है, साथ ही यह समझना भी जरूरी है कि मंत्र को सिद्ध करने का विज्ञान क्या होता है ? मन को एक तंत्र में लाना ही मंत्र होता है


उदाहरणार्थ 
यदि आपके मन में एक साथ एक हजार विचार चल रहे हैं तो उन सभी को समाप्त करके मात्र एक विचार को ही स्थापित करना ही मंत्र का लक्ष्य होता है। यह लक्ष्य प्राप्त करने के बाद आपका दिमाग एक आयामी और सही दिशा में गति करने वाला होगा।

 

जब ऐसा हो जाता है तो कहते हैं कि मंत्र सिद्ध हो गया। और ऐसा, मंत्र को लगातार जपते रहने से होता है। यदि आपका ध्यान इधर-उधर भटक रहा है तो फिर मंत्र को सिद्ध होने में भी विलंब होगा। कहते हैं कि 'करत-करत अभ्यास से जडमति होत सुजान। रसरी आवत-जात ते सिल पर पड़त निसान॥'

 

इसी तरह लगातार जप का अभ्यास करते रहने से आपके चित्त में वह मंत्र इस कदर जम जाता है कि फिर नींद में भी वह चलता रहता है और अंतत: एक दिन वह मंत्र सिद्ध हो जाता है। दरअसल, मन जब मंत्र के अधीन हो जाता है तब वह सिद्ध होने लगता है। 


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अब सवाल यह उठता है कि सिद्ध होने के बाद क्या होता है और उसका क्या लाभ होता है ?


मंत्र सिद्ध होने पर क्या होता है : 

मं‍त्र से किसी देवी या देवता को साधा जाता है, मंत्र से किसी भूत या पिशाच को भी साधा जा सकता है और मं‍त्र से किसी यक्षिणी और यक्ष को भी साधा जा सकता है। मंत्र जब सिद्ध हो जाता है तो उक्त मंत्र को मात्र तीन बार पढ़ने पर संबंधित मंत्र से जुड़े देवी, देवता या अन्य कोई आपकी मदद के लिए उपस्थित हो जाते हैं। 


ऐसे भी कई मंत्र होते हैं जिनमें किसी बाधा को दूर करने की क्षमता होता है तो उन्हें जपने से वे बाधाएं दूर हो जाती है। 'मंत्र साधना' भौतिक बाधाओं का आध्यात्मिक उपचार है। यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा है तो उस समस्या को मंत्र जप के माध्यम से हल कर सकते हैं।

 

मंत्र के द्वारा हम खुद के मन या मस्तिष्क को बुरे विचारों से दूर रखकर उसे नए और अच्छे विचारों में बदल सकते हैं। लगातार अच्छी भावना और विचारों में रत रहने से जीवन में हो रही बुरी घटनाएं रुक जाती है और अच्छी घटनाएं होने लगती है। यदि आप सात्विक रूप से निश्चित समय और निश्चित स्थान पर बैठकर, प्रतिदिन मंत्र का जप करते हैं तो आपके मन में आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही आपमें आशावादी दृष्टिकोण भी विकसित होता है जो कि जीवन के लिए अति आवश्यक है।

 

अंत में

मंत्र जिन्न के उस चिराग की तरह है जिसे रगड़ने पर उक्त मंत्र से जुड़े देवता सक्रिय हो जाते हैं। मंत्र एक प्रकार से मोबाइल के नंबरों की तरह कार्य करता है।

आशा करते हैं कि आप को दी हुई जानकारी अच्छी लगी होगी एवं आप इस जानकारी का सही प्रकार से उपयोग कर इसका लाभ उठाएंगे एवं मनुष्यों की सहायता करेंगे ताकि पृथ्वी का कल्याण हो सके और लोगों के बीच शांति एवं अमन बना रहे।

धन्यवाद 🙏




About The Aakash KV

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2 Comments:

  1. Thank you sir, such a valuable information you have provide through this blog.

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  2. Sidh karte hue 10 saal ho gaya lekin shakti se kaam lena nahi sikyaya guruji ne

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