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सुबह उठते ही करें इस मंत्र का जाप, सभी काम हो जाएंगे पूरे और सकारात्मक बीतेगा दिन

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  सुबह उठते ही करें इस मंत्र का जाप, सभी काम हो जाएंगे पूरे और सकारात्मक बीतेगा दिन शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए, इसके बाद सूर्य नमस्कार शुरू करके दिन शुरु करना चाहिए लेकिन भागती-दौड़ती जिंदगी में अक्सर यह सम्भव नहीं हो पाता कि हम सुबह सूर्योदय से पहले उठ सकें।  ऐसे में हम सुबह कभी भी उठकर एक मंत्र का जाप कर सकते हैं, जिससे दिन की शुरुआत सकारात्मकता के साथ हो सके।      सुबह उठते ही करें इस मंत्र का जाप  सूर्योदय -sunrise gif image कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥ अर्थात :  हाथ के अग्र भाग में देवी लक्ष्मी, मध्य भाग में मां सरस्वती तथा मूल भाग में परमबह्मा गोविंद का निवास होता है।  सुबह उठकर हथेलियों के दर्शन करने से इन सभी के दर्शन होते हैं। मंत्र के जाप के बाद स्नान   आप इस मंत्र का जाप सुबह उठते ही बिस्तर पर बैठकर इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।  इसके बाद आप नित्य क्रिया से निपट कर पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें।  वीरवार के दिन पीले रंग के कपड़े और पीले रंग ...

इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य...| mantra ko kaise siddh karen

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इस तरीके से तुरंत सिद्ध हो जाते हैं मंत्र, जानिए रहस्य... कोई मंत्र कब होता है सिद्ध, एक लाख बार जपने पर या कि 108 बार जपने पर ही सिद्ध हो जाता है? और जब सिद्ध हो जाता है, तब क्या होता है? यह सवाल आपके मन में जरूर होंगे तो चलो इस बारे में आपको आसान तरीके से बताने की कोशिश करते हैं। मुख्यत: 3 प्रकार के मंत्र होते हैं-   1.वैदिक  2.तांत्रिक और 3.शाबर मंत्र  पहले तो आपको यह तय करना होगा कि आप किस तरह के मंत्र को जपने का संकल्प ले रहे हैं। शाबर मंत्र बहुत जल्द सिद्ध होते हैं, तांत्रिक मंत्र में थोड़ा समय लगता है और वैदिक मंत्र थोड़ी अधिक देर से सिद्ध होते हैं। लेकिन जब वैदिक मंत्र सिद्ध हो जाते हैं तो उनका असर कभी समाप्त नहीं होता है।   मंत्र जप तीन प्रकार हैं: -  1.वाचिक जप 2. मानस जप और  3. उपाशु जप।  वाचिक जप में ऊंचे स्वर में स्पष्ट शब्दों में मंत्र का उच्चारण किया जाता है। मानस जप का अर्थ मन ही मन जप करना। उपांशु जप का अर्थ जिसमें जप करने वाले की जीभ या ओष्ठ हिलते हुए दिखाई देते हैं लेकिन आवाज नहीं सुनाई देती। बिलकुल धीमी गति में जप करना ही उपांशु जप ...