एक श्लोकी रामायण
रामायण का पाठ करने के अनेको लाभ होते हैं। जो भी व्यक्ति रामायण का पाठ करता है, वो जीवन में कभी भी गलत मार्ग में नहीं चल सकता है। रामायण में बताया गया है, कैसे धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए। अधर्म के मार्ग में चलने वाले की कभी भी विजय नहीं होती है। एक दिन ऐसा आता है, जब अधर्मी व्यक्ति का पतन हो जाता है।रामायण पाठ के लाभ
रामायण के पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता का प्रवेश होता है और नकारात्मकता दूर हो जाती है।
रामायण के पाठ से आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
बड़े से बड़ा संकट भी रामायण के पाठ करने से दूर हो जाता है।
एक श्लोकी रामायण
रामायण का नित्य पाठ करना संभव नहीं है, इसलिए आज हम आपको एक श्लोक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पाठ करने से आपको संपूर्ण रामायण पाठ करने के समान ही फल मिलेगा। इस श्लोक को एक श्लोकी रामायण भी कहा जाता है।
एक श्लोकी रामायण
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
एक श्लोकी रामायण का हिंदी अनुवाद
- इस श्लोक में रामायण की संक्षिप्त कहानी है।
- श्रीराम वनवास गए, वहां उन्होने स्वर्ण मृग का वध किया। रावण ने सीताजी का हरण कर लिया, जटायु रावण के हाथों मारा गया। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। श्रीराम ने बालि का वध किया। समुद्र पार किया। लंका का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया।
एतद्धि रामायणम्।।
भावार्थ :
- एक बार श्रीराम वनवास में गए। वहां उन्होंने स्वर्ण मृग का पीछा किया और उसका वध किया।
- इसी दौरान उनकी पत्नी वैदेही (सीता जी) का रावण द्वारा हरण किया गया। उनकी रक्षा करते हुए पक्षीराज जटायु ने अपने प्राण गवाएं।
- श्रीराम की मित्रता सुग्रीव से हुई। उन्होंने उसके दुष्ट भाई बालि का वध किया। समुद्र पर पुल बनाकर पार किया।
- लंकापुरी का दहन हुआ। इसके पश्चात् रावण और कुम्भकरण का वध हुआ। यही पूरी रामायण की।
मंत्र जाप
आप नित्य नियम से एक श्लोकी रामायण का मंत्र जाप भी कर सकते हैं। 108 बार इस मंत्र का जाप करें।
अगर 108 बार संभव नहीं हो तो इस एक श्लोकी रामायण का 7, 14 या 21 बार पाठ करे।
0 Comments:
Post a Comment