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Showing posts from January, 2021

Snan mantra | स्नान करने के नियम, मंत्र, आप भी जानें

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  स्नान मन्त्र मंत्र क्या है ? मंत्र शब्द मन +त्र के संयोग से बना है !मन का अर्थ है सोच ,विचार ,मनन ,या चिंतन करना ! और “त्र ” का अर्थ है बचाने वाला , सब प्रकार के अनर्थ, भय से !लिंग भेद से मंत्रो का विभाजन पुरुष ,स्त्री ,तथा नपुंसक के रूप में है !पुरुष मन्त्रों के अंत में “हूं फट ” स्त्री मंत्रो के अंत में “स्वाहा ” ,तथा नपुंसक मन्त्रों के अंत में “नमः ” लगता है ! मंत्र साधना का योग से घनिष्ठ सम्बन्ध है… स्नान करने के नियम, मंत्र, आप भी जानें स्नान करने से शरीर तो साफ होता ही है। परन्तु स्नान के साथ-साथ आपको कुछ शक्तियों का भी आभास होता है। जब आप किसी भी देवी-देवता को मंत्रों के साथ स्नान कराते हैं तो मन ही मन में मंत्र बोले जाते हैं। इसके साथ ही जब आप स्वयं भी स्नान करते हैं तो आप भी कुछ खास मंत्रों का जाप कर सकते हैं, जिससे की आप स्नान सफल हो जाएं तो आइए आप भी जानें स्नान मंत्र, मंत्र की विधि, मंत्र के नियम के बारें में जरुरी बातें। धनवान बनने के लिए स्नान करते समय जपें बस यह एक मंत्र वैदिक पद्धति में कहा है की प्रतिदिन स्नान करते समय इस मंत्र का स्मरण करके स्नान करना चाहिये |...

सुबह उठते ही करें इस मंत्र का जाप, सभी काम हो जाएंगे पूरे और सकारात्मक बीतेगा दिन

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  सुबह उठते ही करें इस मंत्र का जाप, सभी काम हो जाएंगे पूरे और सकारात्मक बीतेगा दिन शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए, इसके बाद सूर्य नमस्कार शुरू करके दिन शुरु करना चाहिए लेकिन भागती-दौड़ती जिंदगी में अक्सर यह सम्भव नहीं हो पाता कि हम सुबह सूर्योदय से पहले उठ सकें।  ऐसे में हम सुबह कभी भी उठकर एक मंत्र का जाप कर सकते हैं, जिससे दिन की शुरुआत सकारात्मकता के साथ हो सके।      सुबह उठते ही करें इस मंत्र का जाप  सूर्योदय -sunrise gif image कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥ अर्थात :  हाथ के अग्र भाग में देवी लक्ष्मी, मध्य भाग में मां सरस्वती तथा मूल भाग में परमबह्मा गोविंद का निवास होता है।  सुबह उठकर हथेलियों के दर्शन करने से इन सभी के दर्शन होते हैं। मंत्र के जाप के बाद स्नान   आप इस मंत्र का जाप सुबह उठते ही बिस्तर पर बैठकर इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।  इसके बाद आप नित्य क्रिया से निपट कर पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें।  वीरवार के दिन पीले रंग के कपड़े और पीले रंग ...

मां बगलामुखी देवी कौन है ?

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माँ बगलामुखी फोटो hd मां बगलामुखी बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं। यह आठवीं महाविद्या और स्तम्भन की देवी मानी जाती हैं। बगलामुखी देवी अपने भक्तों के कष्टों को दूर कर उन्हें भयमुक्त करती हैं। इन्हें पीताम्बरा के नाम से भी जाना जाता हैं। इन्हें पीला रंग अधिक पसंद है। देवी रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान होती हैं तथा उनके भक्तों को तीन लोकों में कोई पराजित नहीं कर सकता। बगला शब्द संस्कृत भाषा से आया है जिसका अर्थ है दुल्हन। बगलामुखी रूप में देवी अपने अलौलिक सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती हैं।    पौराणिक कथा  एक मान्यता के अनुसार एक बार ब्रह्मांड में तूफान आया। तूफान आने से समस्त सृष्टि में प्रलय आ गया। सभी जीव-जन्तु नष्ट होने लगे। इस विनाशकारी तूफान से देवता भी बहुत चिंतित हो गए। भगवान विष्णु ने चिंतामग्न होकर इस तूफान को खत्म करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने देवी की आराधना की। देवी प्रसन्न हो गयीं और उन्होंने बगलामुखी के रूप में अवतार लिया। बगलामुखी महाविद्या को विष्णु के तेज से सम्पन्न होने के कारण वैष्णवी भी कहा जाता है।     मां बगलामुखी की पूजा ...